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Showing posts from February, 2023

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थाई परिसर हेतु भूमि आवंटन को लेकर किया आंदोलन

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  परिषद ने विश्वविद्यालय के चारों परिसर में किया आंदोलन मोतिहारी .अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थाई परिसर के निर्माण हेतु बिहार सरकार द्वारा भूमि आवंटित किए जाने को लेकर विश्वविद्यालय के चारों परिसर में आंदोलन की शुरुआत शुक्रवार को की गई। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत शोध कार्य सह प्रमुख मुकेश कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय के स्थापना के सात वर्ष बाद भी स्थाई परिसर के निर्माण हेतु बिहार सरकार ने भूमि उपलब्ध नहीं कराया है, इससे विश्वविद्यालय अपने आधारभूत संरचना की कमी से जूझ रहा है। जबकि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष मंगल सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार की शिक्षा विरोधी सरकार विश्वविद्यालय की भूमि अधिग्रहण में रोड़ा अटका कर शिक्षा के विकास को अवरुद्ध कर रही है । चंपारण की जनता ने इस विश्वविद्यालय के लिए आंदोलन किया था लेकिन नीतीश सरकार यहां की जनता के साथ छल कर रही है। वहीं विभाग संगठन मंत्री अभिमन्यू कुमार ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने आज इस सद्बुद्धि यात्रा का आयोजन किया है,जिसके माध्यम से

नाट्यशास्त्र आज भी प्रासंगिक : डॉ. साकेत रमण

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  भ रतमुनि जयंती के उपलक्ष्य में नाट्यशास्त्र पर ई परिचर्चा पटना/मोतिहारी. नाट्यशास्त्र के प्रणेता "आचार्य भरत मुनि" की जन्म जयंती के उपलक्ष्य में रविवार, 5 फरवरी को संस्कार भारती, बिहार प्रदेश द्वारा नाट्यशास्त्र के विविध आयाम विषय पर ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया गया।इस ऑनलाइन परिचर्चा का प्रसारण संस्कार भारती, बिहार के फेसबुक पेज पर किया गया, जिसमें काफी संख्या में देश भर से कला प्रेमी, कला साधक जुड़ें। विषय प्रवर्तन करते हुए आचार्य भरत मुनि संचार शोध केंद्र, मोतिहारी के केंद्र समन्वयक डॉ. साकेत रमण ने भरत मुनि द्वारा रचित "नाट्यशास्त्र" के संचारी भाव पर प्रकाश डाला और उन्होंने कहा कि भरतमुनि के नाट्यशास्त्र में 32 प्रकार के संचारी भाव हैं तथा नाट्य शास्त्र में सिर घुमाने के 13 प्रकारों का वर्णन किया गया है, उसी तरह से 67 प्रकार से हस्त मुद्राओं की चर्चा की गई है। इसी तरह कमर के 5 तथा 5 पैरों के मुद्राएं, बाहों के 12 प्रकार की मुद्राओं, 12 प्रकार के आंखों के मुद्राओं के भाव और 9 प्रकार की पुतलियों के प्रकार है। आगे डॉ. साकेत रमण ने कहा कि आज भी आचार्य भरतमुनि का