साधना एवं संघर्ष के प्रतिमूर्ति थे जेपी : अभाविप

 

पटना।  अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, पटना महानगर द्वारा संपूर्ण क्रांति के अग्रदूत लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 119 वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर पटना विश्वविद्यालय प्रांगण में जेपी के तैल चित्र पर पुष्पांजलि की गई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद सदस्य गौरव सुंदरम ने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण देश के राजनीति के पुरोधा एवं प्रथम पंक्ति के नेता थे। जिसके बदौलत आज भी जेपी देश वासियों के लिए मार्ग दर्शक बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान जेपी ने अंग्रेजी हुकूमत को पानी पिला दिया था। जेपी ने देश के विकास के लिए नारी सशक्तीकरण तथा युवा शक्ति पर बल दिया था। 1974 में उन्होंने सम्पूर्ण क्रांति का आह्वान किया। जिसका प्रभाव पूरे देश और राजनीति पर पड़ा।

 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रांत शोध कार्य प्रमुख गौरव रंजन ने कहा कि जयप्रकाश नारायण देशभक्ति, निर्भिकता और स्वाभिमान के प्रतीक है। आज हम सभी को उनसे प्रेरणा लेने की जरूरत है। उन्हें न सत्ता का मोह था न किसी पद की लालसा थी। वे सदैव एक जनसेवक के रूप में निस्वार्थ भाव से राष्ट्र की सेवा की। उन्होंने आपातकाल के विरुद्ध देश को एक कर अराजकता और अन्याय से डट कर लड़ना सिखाया। वहीं सोशल मीडिया प्रांत प्रमुख विभूति सिंह ने कहा कि हमारे लोकतंत्र को सुरक्षित रखने में उनकी प्रभावी भूमिका रही। वह हम सभी भारतवासियों को आज भी प्रेरणा देती है। बिहार की धरती धन्य है, जहां लोकनायक जैसे राष्ट्रनायक का जन्म हुआ। संबोधन करने वालों में छात्र नेता राजा रवि, विश्वविद्यालय संयोजक अभिनव शर्मा, विभाग संयोजक शशि कुमार, अभिषेक कुशवाहा, मनमोहन आनंद समेत अजय पटेल, नचिकेता कौशिक, रोहित राज, शशी सिंह सहित पटना महानगर, पटना विश्वविद्यालय के दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का संचालन छात्र नेता अभिनव पांडेय एवं धन्यवाद ज्ञापित महानगर मंत्री रजनीश सिंह ने किया।


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