Posts

Showing posts from October, 2021

प्रो. आशीष श्रीवास्तव बने महात्मा बुद्ध परिसर के निदेशक

Image
  मोतिहारी। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के शैक्षणिक परिसरों में एक और विस्तार हुआ है। बनकट स्थित गांधी भवन के सामने शैक्षणिक गतिविधि के सुचारू संचालन के लिए एक और परिसर बनाया गया है। कुलपति ने 'महात्मा बुद्ध परिसर' नाम से नवनिर्मित इस परिसर के निदेशक शिक्षाशास्त्र संकाय के अधिष्ठाता प्रो. आशीष श्रीवास्तव को नियुक्त किया हैं। प्रो. आशीष श्रीवास्तव विश्वविद्यालय के विभिन्न्न समितियों में भी अपनी सेवाएं दे रहे है। मगांकेविवि के कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने प्रो. आशीष श्रीवास्तव को बधाई देते हुए कहा कि उनके कुशल नेतृत्व में परिसर का चहुँमुखी विकास होगा। प्रति कुलपति प्रो. जी. गोपाल रेड्डी ने भी प्रो. श्रीवास्तव को बधाई प्रेषित की है। ओएसडी एडमिन प्रो. राजीव कुमार, शिक्षाशास्त्र में एसो. प्रो. मुकेश कुमार, डॉ. रश्मि श्रीवास्तव, डॉ. मनीषा रानी, डॉ. पैथलोथ ओमकार सहित विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों ने प्रो. श्रीवास्तव को बधाई दी है।

न्यास के देश भर में किए गए कार्यशाला और अन्य कार्यक्रमों से उभरी जनाकांक्षा का परिणाम है राष्ट्रीय शिक्षा नीति : प्रो. दास

Image
पटना। रविवार को शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की एक दिवसीय शैक्षिक कार्यशाला सम्पन्न हुई। कार्यशाला की शुरुआत दीप-प्रज्ज्वलन  एवं सरस्वती वन्दना से हुई। तत्पश्चात कार्यक्रम में शामिल सभी अतिथियों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। काॅलेज ऑफ  काॅमर्स आर्ट एण्ड साइंस काॅलेज पटना के प्राचार्य प्रो तपन कुमार शांडिल्य ने अतिथियों के स्वागत के साथ ही कार्यशाला के उद्देश्य को बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति  तो केन्द्र सरकार के द्वारा बना दी गई परन्तु इस नीति को लागू करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। राज्य सरकारों को अपने संसाधनों का आकलन कर उसके अनुरूप कार्य करने पर बल दिया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में चुनौती कम अवसर ज्यादा है। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास (बिहार-झारखण्ड) के प्रान्त संयोजक एवं विश्वविद्यालय सेवा आयोग के सदस्य प्रो विजयकांत दास ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जो विषय वस्तु प्रतिपादित है वह शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के देश भर में किए गए कार्यशाला और अन्य कार्यक्रमों से उभरी जनाकांक्षा हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय भाषा के महत्व को प्रतिपादित करते हु

ज्ञात-अज्ञात हुतात्माओं के सर्वेक्षण के लिए गाँव गाँव जाएगी अभाविप

Image
    पटना। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की दो दिवसीय केंद्रीय कार्यसमिति बैठक 18 अक्टूबर को रानी सती मंदिर गांधी मैदान, पटना में सम्पन्न हुई। आगामी वर्ष के महत्वपूर्ण निर्णय इस बैठक में लिए गए। आगामी महत्वपूर्ण योजनाओं में अभाविप की केंद्रीय कार्यसमिति ने तय किया है कि देश भर के गाँव-गाँव में जाकर, वीर हुतात्माओं का सर्वेक्षण किया जाएगा। इस वर्ष 15 अगस्त को अभाविप ने देश भर में 1,09,635 स्थानों पर ध्वजारोहण करके देश में स्वाधीनता के इस पर्व को जन जन तक ले जाने का काम किया है। वर्ष भर भी हर माह में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम जैसे इंटर्नशिप, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता तथा तिरंगा यात्रा आदि का आयोजन भी देश भर में किया जाएगा।  गाँव गाँव जाकर अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों की जानकारी एकत्र करेगा अभाविप  अभाविप का 67वाँ अधिवेशन जबलपुर में 24-26 दिसम्बर में होना तय हुआ है। देश भर से प्रमुख कार्यकर्ता कोरोना के नियमों का पालन करते हुए अधिवेशन में शामिल होंगे। हर वर्ष प्रा० यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार भी समाज में प्रभावशाली कार्य करने वाले युवा को अभाविप के राष्ट्रीय अधिवेशन में दिया जाता है। इस व

पटना में शुरू हुई अभाविप की दो दिवसीय केंद्रीय कार्यसमिति बैठक

Image
  पटना। अभाविप की दो दिवसीय केंद्रीय कार्यसमिति बैठक पटना में 17 अक्टूबर को प्रारम्भ हुई। देश भर के 83 प्रतिभागी सभी प्रांतों का प्रतिनिधित्व इस बैठक में कर रहे हैं। केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक का उद्घाटन राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो० छगन भाई पटेल, राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री निधि त्रिपाठी एवं राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान के द्वारा किया गया। साल में दो बार होने वाली इस बैठक में अभाविप अपने कार्य की समीक्षा एवं आगामी आंदोलन एवं कार्यक्रमों की योजना बनाएगी।  कश्मीर में हो रही चयनित हत्याएं निंदनीय: प्रो० छगन भाई पटेल उद्घाटनकर्ता राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो० छगन भाई पटेल ने अपने उद्बोधन में देश के वर्तमान परिदृश्य का उल्लेख करते हुए कहा कि "कश्मीर में धारा 370 के हटाए जाने से व्यवस्थाएँ सुगम हुई हैं एवं अवसर बढ़े हैं। इससे आतंकवादी बौखलाए हुए हैं और बौखलाहट में निर्दोष अध्यापकों एवं चयनित नागरिकों की हत्या कर रहे हैं। दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर अनुसूचित जाति के व्यक्ति की हत्या की घटना भी मन झकझोर देने वाली है। देश भर में सभी शैक्षणिक परिसर को अतिशीघ्र खोला जाए: निधि त्रिपाठी राष्ट्रीय महाम

साधना एवं संघर्ष के प्रतिमूर्ति थे जेपी : अभाविप

Image
  पटना।  अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, पटना महानगर द्वारा संपूर्ण क्रांति के अग्रदूत लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 119 वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर पटना विश्वविद्यालय प्रांगण में जेपी के तैल चित्र पर पुष्पांजलि की गई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद सदस्य गौरव सुंदरम ने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण देश के राजनीति के पुरोधा एवं प्रथम पंक्ति के नेता थे। जिसके बदौलत आज भी जेपी देश वासियों के लिए मार्ग दर्शक बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान जेपी ने अंग्रेजी हुकूमत को पानी पिला दिया था। जेपी ने देश के विकास के लिए नारी सशक्तीकरण तथा युवा शक्ति पर बल दिया था। 1974 में उन्होंने सम्पूर्ण क्रांति का आह्वान किया। जिसका प्रभाव पूरे देश और राजनीति पर पड़ा।  कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रांत शोध कार्य प्रमुख गौरव रंजन ने कहा कि जयप्रकाश नारायण देशभक्ति, निर्भिकता और स्वाभिमान के प्रतीक है। आज हम सभी को उनसे प्रेरणा लेने की जरूरत है। उन्हें न सत्ता का मोह था न किसी पद की लालसा थी। वे सदैव एक जनसेवक के रूप में निस्वार्थ भाव से राष्ट्र की सेवा की। उन्हो

डॉ साकेत रमण बने आचार्य भरत मुनि संचार शोध केंद्र के समन्वयक

Image
मोतिहारी। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी के आचार्य भरत मुनि संचार शोध केंद्र का समन्वयक, मीडिया अध्ययन विभाग के सहा. आचार्य व मीडिया गुरु डॉ. साकेत रमण को बनाया गया है | यह शोध केंद्र मीडिया एवं भारतीय संचार परम्परा केंद्रित उत्तर भारत का प्रथम संचार शोध केन्द्र है। शोध केंद्र की स्थापना इसी वर्ष फरवरी माह में विश्वविद्यालय द्वारा की गई थी । डॉ. रमण को शोध केंद्र के समन्वयक बनाए जाने पर विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने अपनी शुभकामनाएं एवं सुभाशीष प्रदान किया। डॉ. रमण ने बताया कि यह शोध केंद्र माननीय कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा की प्रेरणा से भारतीय संचार परम्परा के महत्तम व्यक्तित्वों पर केंद्रित वैयक्तिक अध्ययन कर संचार क्षेत्र में उनके अवदानों को रेखांकित करने को कटिबद्ध है। भारतीय संचार मीमांसा को केन्द्र, पुस्तक एवं शोध आलेखों के रूप में भी प्रकाशित कराएगा तथा बिहार एवं चंपारण केंद्रित पुरातन संचार उपयोगी अध्ययन कार्य के संपादन के साथ-साथ दो शोधार्थियों को पीएचडी भी कराएगा | विश्वविद्यालय प्रशासन ने शोध केंद्र के पूर्व समन्वयक, मीडिया अध्यय

मगांकेविवि में महर्षि पाणिनि ज्ञान - वाङ्मय शोधपीठ का कुलपति ने किया उद्घाटन

Image
महर्षि पाणिनि ज्ञान वांग्मय शोध पीठ का उद्घाटन माननीय कुलपति प्रोफेसर संजीव कुमार शर्मा महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कर कमलों द्वारा किया गया | इस कार्यक्रम के अध्यक्ष माननीय कुलपति प्रोफेसर संजीव कुमार शर्मा जी थे तथा उपाध्यक्ष प्रति कुलपति प्रोफेसर जी.गोपाल रेड्डी थे| कार्यक्रम के संयोजक डॉ. भव नाथ पाण्डेय थे | इस कार्यक्रम में सभी अतिथियों का स्वागत पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग की शोध छात्रा सुश्री ऋजु पाण्डेय एवं सुश्री साहित्यांजलि चन्द्र ने तिलक लगाकर किया| कार्यक्रम के अध्यक्ष का स्वागत महर्षि पाणिनि ज्ञान वांग्मय शोध पीठ के समन्वयक डॉ. भव नाथ पाण्डेय ने पुष्प गुच्छ देकर किया | कार्यक्रम के उपाध्यक्ष का स्वागत प्रोफेसर रणजीत कुमार चौधरी ने पुष्प गुच्छ देकर किया| माननीय कुलपति महोदय ने महर्षि पाणिनि के योगदान तथा जीवन वृत्त के बारे में विस्तार से चर्चा की | महर्षि पाणिनि को व्याकरण का जनक कहा जाता है | महर्षि पाणिनि ने लगभग २८०० वर्ष पूर्व अष्टाध्यायी की रचना की थी | महर्षि पाणिनि ने ज्ञान को सूत्र रूप में व्यक्त किया था | डॉ. भव नाथ पाण्डेय ने महर्षि पाणिनि ज्ञा